दुनियां के ताने अपने झोली में, जो भर भर वो लेती थी
भूल गए सब लोग यहां, वो इसी देश की बेटी थी
पट्टी बांध कानून था अंधा, यहा लोग भी अंधे होगए
बेटी बचाओ का नारा लेकर, अपनी बेटी को ही खोगए
चीर उसका हरण किया था, मन भी उसका तोड़ गए
देवी समान बेटी को वो, दर्द से तड़पता छोड़ गए
चीख रही थी वो!!!, क्या सुना नहीं तुमने कुछ था
जिस देश में रहते थे उसके, माटी को ही मैला किया
मौत भी शर्मा जाए ऐसी, घिनौनी वो हरकत थी
मां भी कहे रही वो आज, तुमसे अच्छी वो बेटी थी
खुदके अंश से जन्म दिया, तुमको वो भी एक बेटी है
नाश तुम्हारा करने आज, देख मुरख मां शेरावाली बैठी है
जाग जाओ तभी सवेरा, कहना बस मुझको इतना है
रात काली अब छा गई, तुमको और सोना कितना है।
साईश २६.०९.२०२१
अप्रतिम सुंदर beta🙏🙌
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The best daughter’s day poem must say🙏👌👌… There is alot happening around us and the best way to make people aware is what you have done….very proud of you…keep inspiring, keep writing 👍
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Beautiful poem 🙂 well written. Actually every girl needs to be strong enough to fight against all.
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True ma’am appreciate your thoughts 👍🙏
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Thank you very much 😊❤️🌹 stay happy and blessed forever 💗❣️🍫❣️🌹
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