खाली बर्तनों में भी आवाज कई होते है,
पड़े लिखे अनपढ़ लोगों के भी अंदाज कई होते है,
खाली दिमाग के ताबूत को अपने समझ से खोलो,
समझदार लोगों की खामोशी में भी अल्फाज कई होते है।
साईश ४/१०/२०२१
खाली बर्तनों में भी आवाज कई होते है,
पड़े लिखे अनपढ़ लोगों के भी अंदाज कई होते है,
खाली दिमाग के ताबूत को अपने समझ से खोलो,
समझदार लोगों की खामोशी में भी अल्फाज कई होते है।
साईश ४/१०/२०२१
Very very true Saish . You have worded it exceptionally .
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बहुत बढिया लेख 🌹👌🏼🙏🏼🌹
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Very nice and beautifully penned down dear👌……keep writing good content would love to read more😊👍
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खूप सुंदर कविता आहे👌🙂
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