गुरूर किसका है इतना तुम्हे, बसर है दोनोकाही यहा,
हम दोनोही है एक जैसे, तुम भी मिट्टी मैं भी मिट्टी ,
कफन में कोई जेब नही, नाही कब्र में कोई खजाना ,
कर्मो का है सिलसिला कुछ ऐसा, खारिज़ यहा हैं हर सिफरीज की चिट्ठी।

साईश १४.१०.२०२१
गुरूर किसका है इतना तुम्हे, बसर है दोनोकाही यहा,
हम दोनोही है एक जैसे, तुम भी मिट्टी मैं भी मिट्टी ,
कफन में कोई जेब नही, नाही कब्र में कोई खजाना ,
कर्मो का है सिलसिला कुछ ऐसा, खारिज़ यहा हैं हर सिफरीज की चिट्ठी।

साईश १४.१०.२०२१
Very well said my friend…so proud of you👌👏👏😊
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